भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत आम बजट 2024-25, देश की आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और विकास को प्रोत्साहित करेंगी।
मुख्य विशेषताएँ और प्राथमिकताएँ –
1. कोई नया कर नहीं:-
इस बजट में आयकर या अप्रत्यक्ष करों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह निर्णय करदाताओं के लिए स्थिरता और पूर्वानुमान की भावना को बनाए रखता है, जिससे व्यवसायों और निवेशकों के लिए योजना बनाना आसान हो जाता है ।
2. इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर:-
इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर ₹11.1 लाख करोड़ खर्च करने की योजना बनाई गई है, जिसमें रेलवे और मेट्रो परियोजनाओं का विस्तार शामिल है। यह कदम न केवल रोजगार सृजन में मदद करेगा, बल्कि लॉजिस्टिक्स और यातायात को भी सुगम बनाएगा।
3. महिला सशक्तिकरण:-
‘लखपति दीदी’ योजना का लक्ष्य 2 करोड़ महिलाओं से बढ़ाकर 3 करोड़ किया गया है। यह योजना ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
4. शिक्षा और स्वास्थ्य:-
ग्रामीण क्षेत्रों में 2 करोड़ और घर बनाने की योजना और आयुष्मान भारत योजना का विस्तार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण निवेश को दर्शाता है।
5. कर अनुपालन में सुधार:-
आयकर संग्रहण पिछले दस वर्षों में तीन गुना बढ़ गया है और रिटर्न प्रोसेसिंग समय कम होकर 10 दिन हो गया है। जीएसटी ने व्यापार और उद्योग के लिए अनुपालन बोझ को कम किया है, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है।
विश्लेषण और संभावित प्रभाव:-
इस बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिससे न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा बल्कि सामाजिक न्याय और समावेशिता को भी बल मिलेगा। महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाए गए कदम और ग्रामीण विकास योजनाएँ, विशेष रूप से ‘लखपति दीदी’ योजना, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण सिद्ध होंगी।
हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन योजनाओं का क्रियान्वयन कितना प्रभावी रूप से होता है और इनसे वास्तविक लाभ कितनी जल्दी प्राप्त होते हैं। कुल मिलाकर, बजट 2024-25 एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण दोनों को ध्यान में रखता है।
निष्कर्ष :-
आम बजट 2024-25 सरकार के ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में एक मजबूत कदम है। विभिन्न क्षेत्रों में किए गए निवेश और सुधारात्मक कदम आर्थिक विकास को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखते हैं। सरकार की यह पहल देश के समग्र विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
कमियाँ और चुनौतियाँ :-
1. कर राजस्व की स्थिरता:- यद्यपि कर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, फिर भी कर संग्रहण में वृद्धि की चुनौतियाँ बनी रहेंगी। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि कर संग्रहण में वृद्धि जारी रहे ताकि वित्तीय संतुलन बना रहे।
2. प्रभावी क्रियान्वयन:- विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना एक प्रमुख चुनौती है। भ्रष्टाचार और नौकरशाही की बाधाओं को दूर करना आवश्यक है।
3. ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच:- ग्रामीण विकास योजनाओं का समुचित लाभ ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचाना महत्वपूर्ण है। इसमें प्रशासनिक ढाँचे को मजबूत बनाना होगा।
4. स्वास्थ्य और शिक्षा में अधिक निवेश की आवश्यकता:- वर्तमान बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर निवेश किया गया है, लेकिन यह क्षेत्रों में और अधिक निवेश की आवश्यकता है ताकि समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
सरकार द्वारा जारी बजट तब सार्थक होगा , जब सभी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंच पाए जो वास्तविक लाभार्थी हैं,अन्यथा भ्रष्टाचार की दलदल में बजट कुछ गिने चुने जेबों में दबा ही रहता है । सरकार को सभी बिंदुओं पर निष्ठा पूर्वक पहल करने की जरूरत है।
- प्रेस रिपोर्टर – विकास शर्मा